इक शहर था, वो क्या हुआ...
चंडीगढ़ को मैंने जवान होते देखा है...मेरे साथ-साथ ही बड़ा हुआ है. मैं इसकी नब्ज़ को पहचानता हूँ. इसके चौक-चौराहों और बाजारों को आबाद होते तो देखा ही है, इसकी पहचान इसके चौराहों को ख़त्म होते भी देख रहा हूँ. इसी शहर से जुडी कुछ यादें और बातें....
Thursday, March 8, 2012
Sunday, November 20, 2011
Wednesday, November 2, 2011
Saturday, July 23, 2011
Saturday, May 22, 2010
Sunday, April 18, 2010